असमहन, सीरिया-इजिप्ट की वो मशहूर सिंगर- एक्ट्रेस जिसने न सिर्फ अपने काम से लोगों का मनोरंजन किया, बल्कि जान जोखिम में डालकर जाससूी कर सीरिया को बचाया। उनका जन्म एक शिप में हुआ था।
करियर की खातिर असमहन ने पति को छोड़ दिया और फिर उसके बाद लगातार उनकी जिंदगी रहस्यमयी होती गई। कुछ समय बाद 32 साल की असमहन की लाश एक नदी में मिली। मौत की वजह कार क्रेश बताई गई, लेकिन शक हमेशा से ब्रिटिश इंटेलिजेंस एंजेसी पर रहा। उनकी आखिरी फिल्म में उन्हीं की असली लाश दिखाई गई थी। सालों बाद आज भी असमहन की मौत की गुत्थी अनसुलझी ही है।
सेलिंग शिप में हुआ था असमहन का जन्म
असमहन का जन्म 25 नवंबर 1912 को हुआ था। 1912 में असमहन के पिता फहद-अल-अत्रश तुर्की के डेमिर्सी शहर के गवर्नर हुआ करते थे, हालांकि ओटोमन शासन खत्म होते ही उन्हें फ्रेंच सैनिकों से जान बचाकर भागना पड़ा। वो जान बचाकर बड़े बेटे और गर्भवती पत्नी के साथ एक सेलिंग शिप में चढ़ गए, जहां असमहन का जन्म हुआ।
उनके पूर्वजों के कबीले अल-अत्रश की सीरिया से फ्रेंच का कब्जा हटाने में अहम भूमिका रही थी। जन्म के समय असमहन को अमल-अल-अत्रश नाम दिया गया था। अरबी में अमल का अर्थ है आशा (Hope)। यही अमल बड़ी होकर मशहूर सिंगर और एक्ट्रेस बनीं।
घर पर गिराया गया था बम, तो जान बचाकर भागा परिवार
सफर खत्म होते ही असमहन का पूरा परिवार 1922 में सीरिया के जबल अल-द्रूज में आकर बस गया। लेकिन जब फ्रेंच सैनिकों ने उनके घर पर बम से हमला कर दिया तो परिवार को जान बचाकर वो जगह छोड़नी पड़ी। पिता ने साथ आने से इनकार कर दिया, तो मां 3 बच्चों के साथ पलायन कर बेरूत, लेबनान पहुंच गईं। जब उन्हें पता चला कि फ्रेंच सैनिक उन्हें मारने के लिए ढूंढ रहे हैं, तो वो जान बचाकर पलेस्तीन होते हुए इजिप्ट पहुंच गईं और एक असायलम में रहने लगीं। इजिप्ट के उस समय के प्राइम मिनिस्टर साद जाघलोल के उनके पति के अच्छे रिश्ते थे, तो वो उनकी मदद से परिवार को कायरो शहर में बसने का परमिट मिल गया। पीएम ने उनकी आर्थिक मदद भी की थी।
3 साल की उम्र में की थी पहली रिकॉर्डिंग
बचपन से ही असमहन को गाने का शौक था। सिंगिंग उन्हें विरासत में मिली थी। मां म्यूजिशियन थीं और बड़ा भाई फरीद अल अत्रश भी आगे जाकर नामी सिंगर बना। एक बार इजिप्ट के कंपोजर दाऊद होसनी उनकी मां आलिया से मिलने घर आए हुए थे। मुलाकात कर लौट ही रहे थे कि उन्हें एक बच्ची की मधुर आवाज सुनाई दी। वो कोई और नहीं 3 साल की असमहन थीं, जो अकेले अपने कमरे में बैठकर गुनगुना रही थीं।
कंपोजर दाऊद ने ही उन्हें स्टेजनेम असमहन दिया। असमहन को लगातार गाने के लिए बुलाया जाने लगा। घर खर्च निकालने के लिए वो अपने बड़े भाई फरीद के साथ एक नाइटक्लब में भी गाया करती थीं। 14 साल की उम्र में कायरो ओपेरा हाउस में गाते हुए असमहन को फेम मिल गया।
5 शादियां कर चुके कजन से परिवार ने जबरदस्ती करवाई शादी
अपने बहेतरीन गानों से असमहन पूरे इजिप्ट में फेमस हो रही थीं, लेकिन उनके परिवार को ये बात खटकती थी। उनके बड़े भाई फोद और उनके कबीले के लोगों के लिए ये शर्मिंदगी की बात थी कि उनके कबीले की लड़की नाच-गाने का हिस्सा है। यही कारण था कि उनका बड़ा भाई चाहता था कि असमहन शादी कर सीरिया लौट जाएं।
असमहन का बड़ा भाई फौद उनकी जल्द-से-जल्द शादी करवाना चाहता था, जिसके लिए उन्होंने अपने कजन हसन-अल-अत्रश की मदद ली। हसन अपने साथ अपना दूसरा कजन ले आया, जिसे वो असमहन को दिखाना चाहता था। इजिप्ट पहुंचकर जैसे ही पहले से 5 शादियां कर चुके हसन ने असमहन को देखा तो वो खुद उन्हें पसंद करने लगे। उसने अपने साथ आए लड़कों को वापस भेज दिया और खुद शादी का प्रस्ताव उनके घरवालों के सामने रख दिया।
शादी के लिए असमहन ने रखी थीं 3 शर्तें
असमहन, हसन से शादी नहीं करना चाहती थीं, लेकिन परिवार के आगे उनकी एक न चली। आखिरकार वो भी अड़ गईं कि शादी करेंगी तो अपनी 3 शर्तों पर। पहली शर्त की वो जबाल-अल-द्रूज में न रहकर दमास्कस में रहेंगी। दूसरी शर्त- वो कभी हिजाब नहीं पहनेंगी। तीसरी शर्त की वो सर्दियां कायरो में ही बिताएंगी। सिंगिंग से दूर करने के लिए असमहन की सारी शर्तें मान ली गईं और 1933 में शादी कर वो इजिप्ट छोड़ गईं। सुवायदा में उनका आलीशान घर था, जहां वो रहती थीं।
पति ने गाने की इजाजत नहीं दी तो लिया तलाक
कुछ समय बाद असमहन ने बेटी कमेलिया को जन्म दिया, लेकिन कुछ समय बाद उन्हें सिंगिंग छोड़ने का अफसोस होने लगा। जब उनके पति हसन ने उन्हें गाने की इजाजत नहीं दी तो लड़ाई-झगड़े बढ़ने लगे। आखिरकार दोनों ने 1939 में तलाक ले लिया।
करियर में वापसी और दूसरी शादी
1937 में पहले पति से तलाक लेने के बाद असमहन कायरो आ गईं और दोबारा गाने रिकॉर्ड करने लगीं। इसी दौरान उन्होंने इजिप्शियन डायरेक्टर अहमद बद्रखान से शादी कर ली। हालांकि, उनकी शादी चंद महीनों में ही टूट गई।
शानदार कमबैक कर असमहन ने इजिप्शियन म्यूजिक इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया। उनके गाने या तोयोर, लयाली एयल उन्स फी विएना और एमटा हटोने जबरदस्त हिट हुए, जिनसे वो अरब म्यूजिक इंडस्ट्री की स्टार सिंगर बन गईं। अरबी गानों को वेस्टर्न बनाकर गाने के लिए उन्हें अलग पहचान मिली थी।
वर्ल्ड वॉर 2 में सीक्रेट मिशन पर भेजी गई थीं असमहन
1941 में सालों बाद असमहन सीरिया लौटीं, वो भी एक सीक्रेट मिशन पर। दरअसल वर्ल्ड वॉर- 2 के दौरान फ्रांस ने सीरिया पर कब्जा कर लिया गया था। ब्रिटिश सेना सीरिया को फ्री करना चाहती थी, लेकिन सीरियन आर्मी उन्हें रोक रही थी। ऐसे में ब्रिटिश सेना ने असमहन को एक सीक्रेट मिशन पर सीरिया भेजा था। उन्हें सीरियन आर्मी तक ये पैगाम पहुंचाना था कि ब्रिटिश आर्मी, सीरिया में दाखिल होने वाली है, ऐसे में उन पर हमला न करें। इससे वो सीरिया को आजादी दिलवाएगी। सीरिया के लोगों ने असमहन की बात मान ली और तालमेल से सीरिया को छुड़ा लिया गया।
पहले पति से दोबारा की शादी, 2 बार की आत्महत्या की कोशिश
सीरिया लौटकर असमहन ने कुछ ऐसे कदम उठाए जो बेहद सवालों के घेरे में रहे। उन्होंने वापस आते ही अपने पहले पति हसन से मुलाकात की और उन्हें दोबारा शादी के लिए मना लिया। हसन भी मान गए और दोनों साथ रहने लगे। कुछ समय बाद खबरें आईं कि असमहन ने दो बार आत्महत्या करने की कोशिश की है। हालांकि, इसका पुख्ता कारण सामने नहीं आया। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वो दोबारा हसन से तलाक लेना चाहती थीं, जिसके लिए उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की। आखिरकार हसन ने उन्हें दोबारा तलाक दे दिया।
बड़े होटल्स में आना-जाना और बड़े खर्चों से चर्चा में रहीं
तलाक लेने के बाद असमहन के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव किसी से छिपा नहीं। वो जेरुसलेम के सबसे बड़े किंग डेविड होटल की नियमित गेस्ट बन गईं और उनके खर्चे काफी बढ़ गए। लैविश लाइफ जीते हुए असमहन हर किसी की नजरों में चढ़ने लगीं।
इजिप्ट में बसने के लिए कर ली तीसरी शादी
असमहन ने इजिप्शियन डायरेक्टर अब्देल सलेम से तीसरी शादी कर ली। दावा किया गया कि उन्होंने इजिप्ट में बसने के लिए ये शादी की थी। अब्देल के असमहन के अलावा भी कई दूसरी महिलाओं के संबंध थे। उन्होंने पलेस्तीन में अपनी पत्नी की मौजूदगी में ही असमहन से शादी की थी। जैसे ही अब्देल को पता चला कि असमहन का अफेयर रॉयल दीवान अहमद पाशा हसनेन से है, तो दोनों में झगड़े होने लगे।
घर छोड़ना चाहा तो पति ने तानी बंदूक
एक दिन जब असमहन ने घर छोड़ने की जिद की तो अब्देल ने उन्हें रोकने के लिए उन पर बंदूक तान दी। असमहन ने बचाव के लिए पुलिस बुला ली। पुलिस और अब्देल के बीच हुई मुठभेड़ में अब्देल को गोली लगी। इलाज के दौरान अब्देल ने दम तोड़ दिया।
शाही दरबान से था अफेयरइजिप्ट के शाही दरबान अहमद पाशा हसनेने से अफेयर होने की खबरों से असमहन चर्चा में आ गईं। इसी बीच उनका उठना-बैठना कुछ जुआरियों के साथ भी शुरू हो गया। असमहन ज्यादातर नशे में रहतीं, खुद जुआं खेलती और दिन-रात दोस्तों के साथ पार्टी करतीं। उनके रवैये से परिवार इतना शर्मसार था कि ज्यादातर लोगों ने उनसे रिश्ता खत्म कर लिया। हालांकि, शराब और सिगरेट का बुरा असर उनकी आवाज में नहीं पड़ा और वो लगातार हिट गानें देती रहीं।
फिल्म की शूटिंग रह गई अधूरी
बढ़ती पॉपुलैरिटी के चलते 1941 में असमहन को फिल्म इन्तिसर अल- शबाब फिल्म मिली। 1944 में उन्हें फिल्म घरम वा इंतेकाम फिल्म में काम करने का मौका मिला।
नदी में डूबी मिली लाश
14 जुलाई 1944। असमहन अपनी एक दोस्त के साथ कार से निकली थीं, लेकिन कुछ घंटों बाद एक टनल के पास उनकी कार नदी में डूबी दिखी। मनसौरा, इजिप्ट के पास हुए एक एक्सीडेंट से कार खाई में जा गिरी और फिर नदी में। टू-डोर मॉडल वाली कार से ड्राइवर नदी से निकलने में कामयाब हो गया, जबकि पिछली सीट्स में बैठीं 32 साल की असमहन और उनकी दोस्त निकल नहीं सकीं। जांच के दौरान अंदाजा लगाया गया कि दोनों गिरने से बेहोश हुई थीं जिससे वो नदी में डूब गईं।
फिल्म में दिखाई गई थी असमहन की असली डेडबॉडी
मौत के चलते उनकी फिल्म घरम वा इंतेकाम अधूरी रह गई। बॉडी डबल के साथ उस फिल्म को पूरा किया गया। फिल्ममेकर युसूफ वाहबी ने असमहन के किरदार को ठीक उसी तरह फिल्म में मरता हुआ दिखाया, जैसे वो असल में कार नदी में गिरने से मरी थीं।
फिल्म को और रियलिस्टिक दिखाने के लिए डायरेक्टर यूसुफ वाहबी ने उनकी डेडबॉडी फिल्म में दिखाई।
कई विवाद हुए, लेकिन फिल्म जबरदस्त हिट हुई। इस फिल्म के लिए गाए गए असमहन के गाने उनके करियर के सबसे बेहतरीन गानों में से हैं।
ब्रिटिश सीक्रेट एजेंसी पर था शक
कई लोगों ने दावा किया कि असमहन की मौत एक हादसा नहीं बल्कि हत्या थी।
थ्योरी 1- वर्ल्ड वॉर 2 के दौरान सीक्रेट मिशन के लिए असमहन को ब्रिटिश सीक्रेट एजेंसी से 40 हजार पाउंड्स (42 लाख रुपए) मिले थे। जब उनके पति ने उन्हें खर्च देने से इनकार कर दिया, तो वो सीक्रेट एजेंसी से और पैसों की मांग कर रही थीं, जिसके चलते उनकी हत्या करवाई गई।
थ्योरी 2- अफवाहें थीं कि वर्ल्ड वॉर 2 के बाद भी असमहन ब्रिटिश सीक्रेट इंटेलीजेंस के लिए काम कर रही थीं। जब उन्होंने जर्मन एजेंट से संपर्क करने की कोशिश की तो इंटेलिजेंस ने उन्हें मरवा दिया।
थ्योरी 3- ब्रिटिश इंटेलीजेंस से संपर्क रखने पर जर्मन की सीक्रेट एजेंसी ने उन्हें मरवा दिया था, क्योंकि उन्हें वो जासूस लगती थीं।
इनके अलावा भी असमहन की मौत को हत्या बताते हुए कई थ्योरीज हाईलाइट की गईं, हालांकि, आज तक उनकी मौत अनसुलझी ही रही। कुछ लोगों ने उनके घरवालों, उनके शाही खानदान से ताल्लुक और उनकी टूटी शादियों को भी हत्या का कारण बताया।
जिस जगह मौत हुई, वहीं किया था मौत का प्रिडिक्शन
मौत से 4 साल पहले जर्नलिस्ट मोहम्मद अल-ताबा के साथ एक दिन सफर करते हुए असमहन उसी टनल से गुजरीं, जहां उनकी मौत हुई थी। उन्होंने टनल के पास आती आवाजें सुनकर जर्नलिस्ट से कहा था कि मुझे लग रहा है कि इस जगह मेरी मौत हो जाएगी। संयोग था कि 4 साल बाद उसी जगह उन्होंने दम तोड़ा।
आखिरी ख्वाहिश, इजिप्ट में दफ्न होना
असमहन को जांच पूरी होने के बाद उनकी आखिरी ख्वाहिश के अनुसार इजिप्ट में ही दफनाया गया। सालों बाद उनके दोनों भाइयों फौद और फरीद को भी उनके नजदीक ही दफ्नाया गया।