महंगा टिकट के कारण कम यात्रियों के संकट से जूझ रही इंदौर-भोपाल वंदेभारत ट्रेन में कुछ बदलाव की तैयारी हो गई है। इसका रूट बढ़ाया और किराया घटाया जा सकता है। प्रस्ताव दिया है कि इसे इंदौर से रीवा या इंदौर से रायपुर तक चलाया जा सकता है। अभी रायपुर के लिए सप्ताह में सिर्फ एक डायरेक्ट ट्रेन है जबकि रीवा के लिए सप्ताह में तीन दिन ही ट्रेन इंदौर से चलती है। इंदौर-भोपाल वंदे भारत एक्सप्रेस का रूट संभवत: एक सप्ताह में बदल जा सकता है।
यह प्रारंभिक जानकारी इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने दी। उन्होंने बताया कि ट्रेन के एक्सटेंशन के लिए रेल मंत्री और मुख्यालय को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। यह ट्रेन वर्तमान में 50 फीसदी से कम ऑक्युपेंसी के साथ चल रही हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन के एक्सटेंशन के बाद करीब दो महीने तक रेलवे बोर्ड ट्रेन में यात्री संख्या और घाटे का आकलन करेगा। उसके बाद भी ट्रेन घाटे में चली, तो किराए में कमी लाएगा।
रेल मंत्री से मुलाकात, ट्रेन चलती रहे, यही है हमारा लक्ष्य
दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की है। उनसे हमने यह मांग की है कि इस ट्रेन को उन रूट पर चलाना चाहिए जहां पर अभी इंदौर से चलने वाली ट्रेनों में वेटिंग या डिमांड ज्यादा है। इंदौर-भोपाल वंदे भारत एक्सप्रेस को इंदौर-नागपुर-रायपुर और इंदौर-रीवा चलाने के लिए हमने प्रस्ताव दिया है। रेल मंत्रालय इस पर समीक्षा कर रहा है। वहीं रेल मंत्री ने भी हमसे कहा है कि शीघ्र ही हम इस पर निर्णय लेंगे। वहीं ट्रेन के समय को लेकर भी हमने बात रखी है, जिसमें मंत्रालय डिमांड के हिसाब से बदलाव करेगा।
इंदौर से नागपुर होते हुए रायपुर के लिए वर्तमान में एकमात्र ट्रेन
– इंदौर से रायपुर के लिए वर्तमान में अभी एकमात्र इंदौर-पुरी हमसफर एक्सप्रेस का संचालन हो रहा है। यह ट्रेन सप्ताह में एक दिन मंगलवार को दोपहर 3 बजे इंदौर से निकलती है और 15 घंटे का सफर पूरा कर सुबह 6 बजे बुधवार को रायपुर पहुंचती है। यह ट्रेन इंदौर से नागपुर होते हुए 909 किमी का सफर तय कर रायपुर जाती है।
– इंदौर से रीवा के लिए भी वर्तमान में एकमात्र ट्रेन चल रही है। यह सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को इंदौर से रात 8.25 बजे निकलती है और 809 किमी का सफर तय कर दूसरे दिन 11.30 बजे रीवा पहुंचाती है। बताया जा रहा है कि यह समय से रोजाना 2 घंटे लेट चलती है।
टाइमिंग तय करने में भोपाल से आने वाले यात्रियों को ज्यादा तवज्जो भारी पड़ रही
– सूत्रों के अनुसार रेलवे में यह चर्चा शुरू हो गई है कि इंदौर-भोपाल ट्रेन को इंदौर से भोपाल के बजाय भोपाल से इंदौर के यात्रियों की सहुलूयित को ज्यादा तवज्जो देकर चलाया गया है। यानी यदि कर्मचारी बहुल भोपाल से किसी को उज्जैन या इंदौर आना है तो वह बिना ऑफिस मिस किए शाम सात बजे चलकर रात 9 से 10 बजे उज्जैन या इंदौर आ जाएगा। इसके बाद भस्मआरती कर वापस सुबह इसी ट्रेन से भोपाल ऑफिस टाइम से पहले लौट जाए।
– ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है कि इंदौर से इसकी टाइमिंग इसीलिए सुबह जल्दी रख दी गई है। इसका नुकसान इंदौर के यात्रियों को हो रहा है। जिनके पास सुबह 6.30 और 6.35 बजे एकसाथ दो ट्रेनें वंदेभारत और इंटरसिटी मिल रही है जबकि उसके बाद दोपहर 12 बजे तक भोपाल के लिए कोई ट्रेन ही नहीं है।