Friday, December 5, 2025

इंदौर सियागंज के व्यापारियों से चार करोड़ की ठगी:सियागंज में लगे पोस्टर, ठग को ढूंढ़ने वाले को 1 लाख का इनाम

प्रदेश में सबसे बड़ी इंदौर की चोइथराम सब्जी मंडी में व्यापारियों से 3 करोड़ की ठगी करने का मामला सामने आने के बाद सियागंज के व्यापारियों से 4 करोड़ की ठगी का एक और मामला सामने आया है। यह एक ही सप्ताह में दूसरा मामला है।

सियागंज थोक बाजार के एक दलाल ने यहीं के आधा दर्जन व्यापारियों से 4 करोड़ रुपए ठग लिए। दलाल फरार है और उसकी तलाश के लिए कारोबारियों ने सियागंज में चौराहों और बिजली के पोल पर पोस्टर लगा दिए हैं। दलाल का पता या उसके बारे में सूचना देने वाले को इनाम के तौर पर 1 लाख रुपए दिए जाएंगे। व्यापारियों ने इसकी शिकायत बीते शुक्रवार को कोतवाली पुलिस से की है। इसके बाद से ही पुलिस उसे तलाश रही है।

जानिए विस्तार से कौन है वो दलाल, कैसे उसने व्यापारियों का भरोसा जीता, कब से गायब है, अब व्यापारी एसोसिएशन क्या कदम उठा रहा है…

व्यापारियों को दिया ब्याज का लालच

आरोपी ठग का नाम गोपाल पुरोहित है। गोपाल बीते करीब 6-7 साल से सियागंज में व्यापारियों के बीच काम कर रहा है। गोपाल सबसे पहले जयेश मेड़तवाल के यहां पर नौकरी करता था। जयेश मेड़तवाल गबन करके भाग गया। इसके बाद गोपाल जयेश के पार्टनर अनूप के यहां नौकरी करने लगा।

सियागंज मार्केट में दलाल द्वारा ठगाए कई व्यापारी तो इसलिए भी सामने नहीं आ रहे हैं कि लेन-देन पक्के बिलों के बजाय पर्चियों पर हुआ है। व्यापारियों को ये भी नसीहत दी जा रही है कि उन्हें ध्यान रखकर उधार और बकाया पर काम करना चाहिए।

गोपाल शकर और नारियल व्यापारियों से ज्यादा कारोबार करता था। दोनों का लेनदेन नगद में होता है। इसके बावजूद गोपाल ने उधारी से माल उठाया। माल का बिल किसी और के नाम से बनवाता तो पैसे का लेन-देन अन्य नाम से व्यापारियों को करना होता।

गोपाल इंदौर सहित आसपास के जिलों में कामकाज करता था। ब्याज पर पैसे देने वाले व्यापारी भी उसके चंगुल में फंसे हैं। गोपाल एक ओर व्यापारियों से ब्याज पर पैसे लेकर काम करता था। दूसरी ओर पेमेंट देने में देरी होने पर उन्हें ज्यादा ब्याज देने का बात करता था। ब्याज के लालच में व्यापारी उसके झांसे में आते चले गए। गोपाल ने व्यापारियों को ये भरोसा दिला दिया था कि आपका ही माल बेचूंगा और ब्याज भी दूंगा। गोपाल ने कई व्यापारियों का माल लिया और उसे बाले-बाले बेच दिया। इसके बाद रुपए व्यापारियों को नहीं देते हुए खुद अपनी जेब में रख कर भाग गया। व्यापारियों का कहना है कि गोपाल बहुत सरल स्वभाव का दिखता था। ऐसा कभी लगा ही नहीं कि वो ऐसा भी कर सकता है।

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