बागेश्वरधाम महाराज श्री धीरेन्द्र शास्त्री जी पर अंधविश्वास फैलाने के नाम पर लगाए गए आरोपों के सम्बंध में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्रीकांत चतुर्वेदी ने कहा कि जो आरोप बागेश्वर धाम महाराज श्री पर लगाए जा रहे हैं वह पूरी तरह विकृत मानसिकता की उपज हैं, क्योंकि आस्था और अंधविश्वास दोनों अलग-अलग पहलू हैं l आज भी बहुत से लोग भौतिक सुख साधनों से परिपूर्ण होने के बाद भी कष्ट भोग रहे हैं वही ईश्वर मैं आस्था रखने वाले साधारण लोग भी अपने जीवन से प्रसन्न है और वह अगर अपनी प्रसन्नता का आधार अपने आराध्य,अपने ईश्वर,अपने धर्म अथवा अपने धर्म गुरुओ को मानते हैं तो इसे आप उनका विश्वास कह सकते हैं लेकिन अंधविश्वास कतई नहीं कह सकते l अगर पीड़ित और परेशान लोगों को महाराज श्री के वचनों से और उनके सानिध्य में प्रसन्नता की प्राप्ति होती है तो इस पर उंगली उठाने का हक़ किसी को नहीं है l श्री चतुर्वेदी ने कहा कुछ मानसिक विक्षिप्त लोंगों ने सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए सनातन धर्म पर उंगली उठाने का आजकल प्रचलन बना रखा है , पर जनता सब समझती है।