अल्प आयु में ही देश के लिए संघर्ष करते करते अमर हो गए भगवान बिरसा मुंडा :- गिरीश सिंह
रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के तराई अंचल के अतरैला/ रमगढ़बा गांव में अमर शहीद महामानव बिरसा मुंडा गांधी चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।आयोजित गांधी चौपाल में मुख्य अतिथि जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष गिरीश सिंह रहे व विशिष्ट अतिथि के रूप में हंसराज कोल,चंद्रमणि सिंह पटेल जवा,रामनारायण सिंह, बृहस्पति देव सिंह सरपंच ग्राम पंचायत रमगढ़बा रहे वही कार्यक्रम की अध्यक्षता गुलजारी प्रसाद कोल व कार्यक्रम का संचालन रावेंद्र सिंह ओम ने किया।आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियो ने सर्वप्रथम भगवान बिरसा मुंडा व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा में पुष्प अर्पित कर नमन किया ततपश्चात उपस्थित अतिथियो का आयोजन कर्ताओ द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत किया गया.
स्वागतोपरांत मौजूद सभी अतिथियो ने अपने अपने संबोधन दिए साथ ही बिरसा मुंडा के जीवनी पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका में बिराजमान जिला कांग्रेस कमेटी रीवा के कार्यकारी अध्यक्ष गिरीश सिंह ने संबोधित करते हुए भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि 25 साल से भी कम उम्र का जीवन जीने वाले भगवान बिरसा मुंडा जिंहे अंग्रेजों के खिलाफ जनजातीय समुदायों को लामबंद करने के लिए जाना जाता है, उनकी जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई जा रही है। वे समाज के ऐसे नायक रहे, जिनको जनजातीय लोग आज भी गर्व से याद करते हैं। 15 नवंबर 1875 को बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था। श्री सिंह ने कहा कि बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासक और आदिवासियों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के मिशन नीतियों के प्रयासों के बारे में जागरूकता प्राप्त करने के बाद बिरसैत की आस्था शुरू की जल्द ही बिरसा मुंडा और उरांव समुदाय के सदस्य बिरसैत संप्रदाय में शामिल होने लगे और यह ब्रिटिश धर्म प्रतिबिंब गतिविधियों के लिए एक चुनौती बन गया।
3 मार्च 1900 को बिरसा मुंडा को ब्रिटिश पुलिस ने चक्रधरपुर के जामकोपी जंगल में अपनी आदिवासी छापामार सेना के साथ सोते समय गिरफ्तार कर लिया था। 9 जून, 1900 को 25 साल की छोटी उम्र में रांची जेल में उनकी मृत्यु हो गई।इस अवसर पर प्रमुख रूप से उमेश सिंह,जमुना यादव,संतोष कुमार,संतोषी प्रहलाद कोल,मुरली कोल,बांकेलाल कोल,फूल कुमार,दिलीप कुमार कोल,सुग्रीव कोल,पप्पू कोल तथा आयोजक रावेंद्र सिंह ओम, राजा कोल सहित रम गढ़बा गांव के व आसपास के सैकड़ो गणमान्यजन मौजूद रहे।