रेलवे स्टेशनों में यात्रियों को मिलने वाला खाना अमानक है। इसे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी । सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने रेल मंत्रालय समेत अन्य को नोटिस जारीकर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट में इस जनहित याचिका को नागरिक उपभोक्ता मंच के द्वारा लगाई गई है। जिस याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता एडवोकेट दिनेश उपाध्याय ने बताया कि रेलवे यात्रियों को अमानक भोजन परोस रही है। बताया गया रेलवे स्टेशनों में अवैध वेंडर्स द्वारा अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर चलती ट्रेन और स्टेशनों में खाना बेच रहे हैं। याचिकाकर्ता ने कई बार रेलवे को अवगत भी करवाया लेकिन कोई कार्यवाही नह की गयी । इसके अलावा, वरिष्ठ अफसरों से भी शिकायत की है। रेलवे के जबलपुर जोन में सिर्फ एक फूड सेफ्टी आफ़िसर ही नियुक्त किया गया हैं। ऐसे में संभव नही कि सिर्फ एक निरीक्षक इतने बड़े जोन की निगरानी कर सके।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने रेल मंत्रालय समेत पश्चिम मध्य रेलवे के जीएम, जबलपुर डीआरएम और फूड सेफ़्टी विभाग को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।